रविवार, 4 मई 2008

जलवायु परिवर्तन सबसे बड़ी चुनौती-चिदंबरम

मिर्जापुर (वार्ता),

भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर आर. चिदंबरम ने कहा कि जलवायु में असामान्य परिवर्तन वैज्ञानिकों के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती है और अगर समय रहते इस दिशा में ठोस कार्य नहीं हुआ तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के दक्षिणी परिसर में जल्द ही क्लाइमेट चेंज सेंटर स्थापित करके विश्वविद्यालय के सहयोग से जलवायु परिवर्तन के विषय पर कार्य किया जाएगा।प्रो. चिदंबरम ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के दक्षिणी परिसर में नवनिर्मित स्वास्थ्य केन्द्र का उद्घाटन करते हुए कहा कि मौजूदा समय में जलवायु में असामान्य परिवर्तन देश के वैज्ञानिकों के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती है और अगर समय रहते इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

प्रो. चिदंबरम ने बताया कि इस समय देश में जलवायु परिवर्तन पर वृहद स्तरीय कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है और मौजूदा वक्त में हाई रिजोल्यूशन क्लाइमेट मॉडलिंग की जरूरत है।चिदंबरम ने बताया कि स्टॉग का गठन सबसे पहले उत्तराखंड में किया गया था। वहाँ इस केन्द्र के खोलने से काफी लाभ मिला जिसके मद्देनजर चेन्नई के गाँधी गाँव में केन्द्र स्थापित किया गया है। इस केन्द्र में वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन के निर्देशन में कार्य किया जा रहा है।उन्होंने बताया कि आईआईटी गुवाहाटी व खड्गपुर में भी चेन्नई के गाँधी गाँव की तर्ज पर ही स्टॉग का केन्द्र स्थापित किए गए हैं और जल्द ही काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के दक्षिणी परिसर में भी ऐसा केन्द्र खोला जाएगा।

उन्होंने बताया कि उत्तरप्रदेश के पूर्वांचल में जलवायु में गैरमामूली बदलाव के चलते उत्पन्न समस्याओं के अध्ययन के लिए प्रयोगशाला स्थापित करने का प्रस्ताव सौंपा गया है। इस प्रयोगशाला पर एक करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार ने कहा कि थोरियम को बड़े पैमाने पर संवर्द्धित करके उससे परमाणु ऊर्जा का उत्पादन करने में भारत को 20 वर्षों तक इंतजार करना पड़ सकता है।प्रो.चिदंबरम ने कहा कि हालाँकि थोरियम को संवर्द्धित करने के लिए कलपक्कम में एक छोटा रिएक्टर तैयार कर लिया गया है और बड़े रिएक्टर के निर्माण का काम चल रहा है जिसे पूरा होने में समय लगेगा।उन्होंने कहा कि विकासशील देश होने के कारण भारत के लिए कम लागत में बिजली उत्पादित करना बहुत जरूरी हो गया है। देश में थोरियम का पर्याप्त भंडार है, मगर उसे व्यापक पैमाने पर संवर्धित करने के लिए बड़े संयंत्रों का विकास नहीं हो पाया है।काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पंजाब सिंह ने इस मौके पर कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार को विश्वविद्यालय के दक्षिणी परिसर में 500 बिस्तरों वाले अस्पताल स्थापित करने के लिए प्रस्ताव दिया गया है। इसके अलावा योजना आयोग को 300 करोड़ रुपए का एक विस्तृत प्रोजेक्ट दिया गया है।

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