सोमवार, 3 मार्च 2008

मानव जीवन की रक्षा के लिए प्रकृति का संरक्षण जरूरी

भोपाल, नभासं. राज्यपाल डा. बलराम जाखड ने सोमवार को होशंगाबाद जिले के नर्मदा-तवा संगम तट बांद्राभान पर आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय नदी महोत्सव के समापन अवसर पर कहा कि प्रकृति मानव की रक्षा करती है, इसलिये प्रकृति का पर्याप्त संरक्षण बहुत जरुरी है. डा. जाखड ने नदियों को जीवनदायिनी माँ का स्वरुप प्रतिपादित करते हुए लोगों को आव्हान किया कि नदियों की रक्षा के लिए वृक्षारोपण को पर्याप्त बढावा दिया जाये. गंगा-जमुना जैसी बड़ी नदियों में बढ़ते प्रदूषण पर नाराजगी व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने कहा कि शहरों का विकास जरुरी है. तर1की जरुरी है लेकिन प्रकृति के विनाश की शर्त पर तरक्की कतई ठीक नहीं है.
समापन समारोह के विशेष अतिथि प्रदेश के संस्कृति एवं जनसंपर्क मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने इस अवसर पर कहाकि नर्मदा समग्र का यह आयोजन पूरे देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. इस तीन दिवसीय महोत्सव में विद्वानों द्वारा प्रस्तुत आलेख और विचारों का संकलन जरुरी है. उन्होंने कहाकि इस संकलन का प्रकाशन किया जायेगा ताकि यह एक दस्तावेज के रुप में भविष्य के लिए उपलब्ध हो सके. अंतर्राष्ट्रीय नदी महोत्सव के समापन अवसर पर बांद्राभान में विषय विशेषज्ञों की चर्चा के निकर्षों को बांद्राभान घोषणा पत्र के रुप में जारी किया गया. इसी के साथ, नर्मदा समग्र द्वारा वर्ष 2008-09 के लिए कार्य योजना का प्रारुप जारी किया गया. अंतर्राष्ट्रीय नदी महोत्सव के संयोजक एवं नर्मदा समग्र समिति के सचिव अनिल माधव दवे ने समापन समारोह में इसकी जानकारी दी.
बान्द्राभान घोषणा-पत्र
अंतर्राष्ट्रीय नदी महोत्सव के समापन पर आज आठ सूत्री बांद्राभान घोषणा पत्र जारी किया गया.
नदी पर होने वाले अध्ययनों, कार्यों और प्रयत्नों का आधार नदी बेसिन हो.
गत शताब्दी के अधिकतम बाढ़ स्तर को नदी का किनारा माना जाये और उसे सिर्फ नदी के लिये छोड़ा जाये.
नदियों पर काम करने वाले सभी समुदायों और संस्थाओं को एक विचार मंच और दिशा में गतिमान होने के लिये राष्ट्रीय स्तर पर नदी जनपद का गठन हो.
नदियों का अपना अर्थशास्त्र होता है, अत: उनकी अपनी नदी बैंकिंग व्यवस्था विकसित होनी चाहिए. प्रत्येक नदी का अपना खाता हो जिससे संसाधनों के आमद-खर्च पर नजर रखने हेतु बैलेन्स शीट बनें.
नदी उद्गम तथा प्रारंभिक और द्वितीय चरण की जल धाराओं के संरक्षण के उल्लेखनीय प्रयासों को पुरस्कृत करने की व्यवस्था लाई जाए.
नदियों के विविध पक्षों से जुड़े विषयों पर मैदानी शोध परियोजनाओं को प्रोत्साहित किया जाये.
सहेली नदी तंत्रों पर काम करने वालों के मध्य ज्ञान, विचारों और अनुभवों के विनिमय के अवसर पैदा करने के लिये किसी व्यवस्था का निर्माण हो.
नर्मदा समग्र की योजना
हरियाली चुनरी योजना.
नर्मदा बेसिन में नदियों पर सराहनीय काम के लिये पुरस्कार
नदी में डालने हेतु मिश्रधातु के सि1के घाटों पर उपलब्ध कराना.
नदी प्रदूषण घटाने हेतु डिटर्जेंट रहित साबुन घाटों पर उपलब्ध कराना.
अगला नदी महोत्सव-2010 में

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