सोमवार, 3 मार्च 2008

आमेज़न में कम होते जंगल

ब्राज़ील से मिली उपग्रह की एक सूचना से पता चला है कि आमेज़न के जंगल को तेज़ी से नष्ट किया जा रहा है.सूचना के अनुसार वर्ष 2001 और 2002 के बीच जंगलों के कटने की गति चालीस प्रतिशत बढ़ी है और 1995 के बाद यह सबसे तेज़ गति है.
ब्राज़ील के नेशनल इंस्टीट्यूट फ़ॉर स्पेस रिसर्च यानी राष्ट्रीय अंतरिक्ष शोध संस्थान (आइएनपीआई) के आँकड़े ये बताते हैं कि जंगल के 25,000 वर्ग किलोमीटर से भी अधिक हिस्से के पेड़ खेती के लिए एक साल के अंदर ही काट डाले गए हैं.पर्यावरणवादियों ने इस पर चिंता व्यक्त की है.ब्राज़ील के एक पर्यावरणवादी संगठन फ़्रेंड्स ऑफ़ दी अर्थ के संयोजक मारियो मोनज़ोनी का कहना है, '' जंगलों की कटाई मे जहाँ कमी आनी चाहिए वहाँ ठीक इसके विपरीत इसमे तेज़ी आई है. ये चिंता की बात है.''पर्यावरणवादी संगठनों का कहना है कि इसका एक बड़ा कारण है दक्षिणी आमेज़न मे सोया की खेती का बड़े पैमाने पर विस्तार.उस क्षेत्र मे सोया के उत्पादन मे तेज़ी से वृद्धि हो रही है जिससे किसान भारी मुनाफ़ा कमा रहे हैं साथ ही ब्राज़ील के व्यापार को भी काफ़ी बढ़ावा मिल रहा है.'प्रशासन दोषी'पर्यावरणवादी प्रशासन पर ये दोष लगा रहे हैं कि वो पर्यावरण की सुरक्षा संबंधी नियम लागू करने मे विफल हो रहा है.

लेकिन राष्ट्रपति लुइस इनासियो लूला डा सिल्वा के नेतृत्व वाली देश की मध्य-वामपंथी सरकार अगले सप्ताह जंगल काटे जाने की इस प्रक्रिया को रोकने के लिये नये प्रस्तावों की घोषणा करने वाली है.नई पर्यावरण मंत्री मरीना डी सिल्वा अमेज़न की सुरक्षा के लिये लम्बे समय से आवज़ उठाती रही हैं लेकिन जैसाकि बीबीसी के एक संवाददाता का कहना है अभी स्थिति इसके अनुकूल नही है.एक तरफ़ ये हाल है वहीं दूसरी ओर देश के पास लाखों डॉलर के नए उपग्रह और रडार की निगरानी व्यवस्था है जो इस बात की सही जानकारी दे सकते हैं कि जंगल कहाँ काटे जा रहे हैं.लेकिन बजट मे कटौती के कारण अवैध तरीक़े से जंगल काटने वालों और अवैध रूप से खेती करने वाले किसानों को रोक पाना सभंव नहीं हो पा रहा है.आमेज़न का जंगल दुनिया का सबसे बड़ा जंगल है जहाँ दुनिया के तीस प्रतिशत जानवर और पेड़-पौधे हैं.

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