गुरुवार, 24 अप्रैल 2008

जलवायु परिवर्तन से मुकाबले के लिए ज्यादा जींस न धोएं

नई दिल्ली, 15 अप्रैल (आईएएनएस)। यदि आप जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटना चाहते हैं तो अपनी जींस को कम से कम तीन बार पहनने के बाद ही धोएं। इतना ही नहीं इसे ड्राइक्लीन करने के बजाय ठंडे पानी में धोएं और आयरन न करें।
'संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम' (यूएनईपी) ने कहा है कि ऐसा करने से तीन गुने ऊर्जा की बचत हो सकती है। इस संबंध में यूएनईपी के प्रौद्योगिकी, उद्योग और आर्थिक मंडल (यूएनईपी डीटीआईई) ने 30 सेकेंड का एक टेलीविजन कार्यक्रम भी तैयार किया है।
यूएनईपी डीटीआईई के कम्युनिकेसन प्रमुख रोबर्ट बिस्सेट ने कहा, ''हम युवाओं तक जलवायु परिवर्तन का संदेश पहुंचाना चाहते हैं। इस वैश्विक समस्या से लड़ने के लिए युवाओं तक जानकारी पहुंचनी चाहिए।''
बिस्सेट ने कहा कि जींस को कम धोने से बिजली और पानी दोनों का इस्तेमाल कम होगा। उन्होंने कहा, ''ड्रायक्लीन में 60 फीसदी ऊर्जा की खपत होती है। यदि जींस को कम धोया जाए तो ऊर्जा की 50 फीसदी तक बचत की जा सकती है जिसका सीधा संबंध जलवायु परिवर्तन से है। ''
उन्होंने कहा कि कपड़ा उद्योग में कई जहरीले रसायन का प्रयोग किया जाता है। कपड़ा उद्योग से पानी का अधिक उपभोग नहीं करने की भी संयुक्त राष्ट्र की संस्था ने अपील की है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस

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