सोमवार, 25 अगस्त 2008

घरेलू उपयोग में नीम


कीटनाशक रूप में नीम का पारम्परिक उपयोग भारत तथा कुछ अन्य देशों में सदियों से होता रहा है। वस्त्रों, पुस्तकों, दस्तावेजी कागजातों को सुरक्षित रखने के लिए नीम पत्तियाँ तह में या बक्से में रखी जाती हैं। छाँव में सूखी नीम पत्ती या नीम लकड़ी जलाकर घर में धुँआ करने से मच्छर-मक्खियों की रोकथाम होती है। चारपाई, फर्नीचर में खटमलों को मारने के लिए नीम पत्ती उबालकर या नीम तेल पानी में घोलकर डाला जाता है। चूल्हे-चौके में नीम के जल पानी में डालकर उससे पोछा लगाने पर तिलचट्टे, झिंगुर विकर्षित होते हैं। लैम्प या लालटेन में २ प्रतिशत नीम तेल मिलाकर जलाने पर पास में मच्छर नहीं आते। शरीर में नारियल तेल के साथ थोड़ा नीम तेल मिलाकर लगा लेने से भी मच्छर विकर्षित होते हैं। सेव आदि फलों की पैकिंग करते समय उसमें नीम की पत्तियाँ रख देने से अथवा नीम तेल पानी में घोलकर उसमें छिड़क देने से फलों को अधिक समय तक सड़ने से बचाया जा सकता है। भारत के अतिरिक्त अमेरिका तथा कुछ अफ्रीकी देशों- घाना, नाइजेरिया आदि में यह प्रयोग किया जाता है। श्रीलंका में मच्छरों को भगाने के लिए धान की भूसी के साथ नीम की पत्ती जलाकर धुँआ किया जाता है।

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